परिचय

फन धर्म क्या है?

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हलचल क्लब (वर्तमान मे हलचल समूह) के प्रमुख स्तंभों मे से एक स्तम्भ फन धर्म भी है। फन धर्म हलचल समूह द्वारा स्थापित एवं अनुसारित एक आभासी धर्म है। इस धर्म का मुख्य केंद्र आशावादिता, स्वतंत्रता एवं अभिव्यक्ति है। हलचल स्टूडियो मे रचित यह वेबसाईट फन धर्म से संबंधित सभी बातों का ज्ञान आम जन को कराती है। इस साइट मे फन धर्म के सभी सिद्धांतों एवं मूल्यों को समझाया गया है।

फन धर्म के मुख्य भाग

फन धर्म के बारे मे जानकारी, इसकी उपलब्ध पुस्तकों से मिलती है। फन धर्म के 2 ग्रंथ हैं। ये दोनों ही ग्रंथ बिल्कुल अलग अलग बातों पर विचार करती हैं। इन दोनों ग्रंथों को इस वेबसाईट मे उपलब्ध कराया गया है। इन ग्रंथों के नाम हैं, फन चारितम और फन आचरण। आइए इनके बारे मे संक्षेप मे जान लेते हैं।

फन चरितम के बारे में जानकारी

फन चारितम इस धर्म का प्रथम ग्रंथ है। इस ग्रंथ मे फन और इस धर्म की स्थापना का इतिहास लिखा हुआ है। विभिन्न चरित्रों के माध्यम से फन धर्म की उत्पत्ति का सार लिखा गया है। इस ग्रंथ के प्रथम अध्याय मे फन चारितम की जानकारी देते हुए लिखा गया है:

जब जोन जैसिका और जेमी मिलते हैं एक जगह और मिलाते हैं अपनी शक्तियाँ तो बनता है फन (धर्म)। अर्थात जब जोन जैसिका और जेमी एक स्थान पर मिलते हैं तो कुछ नया अनोखा और मज़ेदार बनता है। फन चरितम नामक इस पुस्तक में फन धर्म के विभिन्न चरित्रों का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है।

फन चारितम के बारे मे अधिक जानकारी के लिए आप मेनू मे से फन चरितम वाले भाग के लेखों को देखिए। इन लेखों को ग्रंथ से यथा रूप (as it is) लिया गया है। वेबसाईट के माध्यम से इनको संरक्षित रखने का प्रयास किया जा रहा है।

फन आचरण

फन धर्म का प्रमुख ग्रंथ फन आचरण है। इस पुस्तक मे फन आदेश, फन सिद्धांत, फन पंचांग तथा फन उत्सव का विस्तार पूर्वक वर्णन किया है। इस ग्रंथ मे फन पंचांग ज्ञात करने की एक विधि भी बताई है। उस विधि का उपयोग करके हमने एक विशेष सॉफ्टवेयर का निर्माण किया है। यह सॉफ्टवेयर आपको बड़ी सरलता से फन पंचांग और उसके उत्सवों की जानकारी दे सकता है। हमने आचरण कर्ताओं की सुविधा के लिए इसको एक एंड्रॉयड एप मे भी उपलब्ध करवाया है। इस बारे मे अधिक जानकारी आप पंचांग वाले पृष्ट पर जाकर ले सकते हैं।

फन धर्म का अनुसरण कैसे करें?

प्रिय पाठकों, फन धर्म का आचरण करने की कोई विशेष पद्धति नहीं है। यह प्रति आचरण कर्ता पर निर्भर करता है कि वह इसका अनुसरण कैसे करना चाहता है। अंततः यह धर्म अभिव्यक्ति के लिए ही है। इसका जैसे भी चाहे आप अनुसरण कर एवं करवा सकते हैं। बस आपको सदैव आशावादी रहना होगा।